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shiv shakti

shiv shakti

 शक्ति के बिना शिव शव है , अगर आप थोड़ा विचार करेंगे  की मुर्दा शरीर को भी हम शव ही कहते हैं , वास्तव में शास्त्र जिस शिव की बात कर रहे थे वो आप स्वयं हैं ये आपका ही शरीर बिना शक्ति के शव है , शक्ति क्या है ? प्राण शक्ति कोई उसे कुण्डलिनी कहते हैं ,कोई चेतना कोई प्राण वास्तव में थोड़ा अलग अलग रूप में होते हुए ये सभी  एक ही हैं, यही वो शक्ति है जिसके बारे में वेद शास्त्र कहते हैं की तत्वमसि ।  आपके अनजाने में ही ये प्राण शक्ति कुछ अंशो में आपके अंदर…
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आत्मसाक्षात्कार

आत्मसाक्षात्कार

ऋषि कहते हैं आत्मसाक्षात्कार ही मनुष्य जीवन का लक्ष्य है , बात थोड़ी अटपटी लगती है कोई बाहरी हो उसका साक्षात्कार करना हो उससे मिलना हो तो समझ आता है कि  हा हम कभी उससे मिले नहीं , लेकिन स्वयं  से तो हम रोज मिलते हैं बल्कि ज्यादा समय हम स्वयं  के ही ख्यालो में खोये रहते हैं ,स्वयं की ख़ुशी ,स्वयं  के दुःख  , स्वयं  का मा न, अपमान और घमंड, अब और किस तरह से स्वयं  से मिले और अगर स्वयं से मिलना ही जीवन लक्ष्य है तो वो तो हमने कबका पा लिया।   शास्त्र  कहते हैं तुम…
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Mahabharat ka purana name

Mahabharat ka purana name

 महाभारत सनातन धर्म  का एक प्रमुख महकाव्य है ,इसे पंचम वेद भी कहा  जाता  है यह विश्व के  सबसे लम्बे ग्रंथो में से एक है । महाभारत की रचना महर्षि व्यास जी ने किया जिनका पूरा नाम कृष्ण द्वैपायन वेद  व्यास था। महाभारत सनातन धर्म का ही नहीं बल्कि विश्व का महानतम धर्म है जैसा की इसके बारे में स्वयं  वेद व्यास जी ने कहा है   "जो यहाँ (महाभारत में) है वह आपको संसार में कहीं न कहीं अवश्य मिल जायेगा, जो यहाँ नहीं है वो संसार में आपको अन्यत्र कहीं नहीं मिलेगा।" महाभारत  लिखने के  लिए  भगवान वेद व्यास ने गणपति श्री गणेश…
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