महाभारत सनातन धर्म का एक प्रमुख महकाव्य है ,इसे पंचम वेद भी कहा जाता है यह विश्व के सबसे लम्बे ग्रंथो में से एक है । महाभारत की रचना महर्षि व्यास जी ने किया जिनका पूरा नाम कृष्ण द्वैपायन वेद व्यास था। महाभारत सनातन धर्म का ही नहीं बल्कि विश्व का महानतम धर्म है जैसा की इसके बारे में स्वयं वेद व्यास जी ने कहा है
“जो यहाँ (महाभारत में) है वह आपको संसार में कहीं न कहीं अवश्य मिल जायेगा, जो यहाँ नहीं है वो संसार में आपको अन्यत्र कहीं नहीं मिलेगा।”
महाभारत लिखने के लिए भगवान वेद व्यास ने गणपति श्री गणेश जी से निवेदन किया था इस प्रकार कुल ३ वर्षो में महाभारत के लिखने का कार्य पूर्ण हुआ।
महाभारत का पुराना नाम जय संहिता था , जिसका अर्थ होता विजय गाथा , कालान्तर में इसका नाम भारत हुआ क्युकि ये भरतवंशी राजाओ और राजकुमारों की गाथा थी बाद में गुप्तवंश के आस पास इसका नाम भारत से महाभारत होगया।
महाभारत महकाव्य में एक लाख श्लोको होने की वजह से कही कही इसका नाम शतसहस्री संहिता भी मिलता है।
महाभारत में कुल १८ पर्व हैं , जिनके नाम इस प्रकार हैं –
आदिपर्व ,सभापर्व ,वनपर्व ,विराट पर्व ,उद्योग पर्व ,भीष्म पर्व ,द्रोड़पर्व ,कर्ण पर्व , शल्य पर्व ,सौप्तिक पर्व ,स्त्री पर्व ,शांति पर्व ,अनुशासन पर्व ,आश्वमेधिक पर्व ,आश्रमवासिक पर्व ,मौसल पर्व,महाप्रस्थानिक पर्व, और स्वर्गारोहण पर्व।