Religion

shiv shakti

shiv shakti

 शक्ति के बिना शिव शव है , अगर आप थोड़ा विचार करेंगे  की मुर्दा शरीर को भी हम शव ही कहते हैं , वास्तव में शास्त्र जिस शिव की बात कर रहे थे वो आप स्वयं हैं ये आपका ही शरीर बिना शक्ति के शव है , शक्ति क्या है ? प्राण शक्ति कोई उसे कुण्डलिनी कहते हैं ,कोई चेतना कोई प्राण वास्तव में थोड़ा अलग अलग रूप में होते हुए ये सभी  एक ही हैं, यही वो शक्ति है जिसके बारे में वेद शास्त्र कहते हैं की तत्वमसि ।  आपके अनजाने में ही ये प्राण शक्ति कुछ अंशो में आपके अंदर…
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“वसुधैव कुटुम्बकम ” इक महान आदर्श या चेतावनी ?

“वसुधैव कुटुम्बकम ” इक महान आदर्श या चेतावनी ?

 महोपनिषद के अध्याय 4 का श्लोक 71 , अयं निजः परो वेति गणना लघुचेतसाम् । उदारचरितानां तु वसुधैव कुटुम्बकम् ।। अर्थात यह मेरा है.यह पराया है ऐसी सोच छोटे चित्त वाले व्यक्तियो की होती है , उदार चरित्र के लोगों के लिए सम्पूर्ण संसार ही घर है । आज के हजारो  साल पहले जब हमारे महान ऋषि पूर्वजों ने इस श्लोक की रचना की होगी तो निश्चय ही उनके मन.में इक आदर्श समाज की अभिलाषा रही होगी ,निश्चय ही उन्होंने ने अपने अनुभव के आधार पर मनुष्यों को इक आदर्श समाज बनाने की परिकल्पना से ये श्लोक रचे होंगे ।…
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Mahabharat ka purana name

Mahabharat ka purana name

 महाभारत सनातन धर्म  का एक प्रमुख महकाव्य है ,इसे पंचम वेद भी कहा  जाता  है यह विश्व के  सबसे लम्बे ग्रंथो में से एक है । महाभारत की रचना महर्षि व्यास जी ने किया जिनका पूरा नाम कृष्ण द्वैपायन वेद  व्यास था। महाभारत सनातन धर्म का ही नहीं बल्कि विश्व का महानतम धर्म है जैसा की इसके बारे में स्वयं  वेद व्यास जी ने कहा है   "जो यहाँ (महाभारत में) है वह आपको संसार में कहीं न कहीं अवश्य मिल जायेगा, जो यहाँ नहीं है वो संसार में आपको अन्यत्र कहीं नहीं मिलेगा।" महाभारत  लिखने के  लिए  भगवान वेद व्यास ने गणपति श्री गणेश…
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